Tuesday, April 30, 2024
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Vishnu Chalisa PDF Free Download | Vishnu Chalisa In Hindi

Vishnu Chalisa In Hindi:जैसा कि आप सभी जानते हैं|भगवान विष्णु इस संसार के संचालक है, विष्णु चालीसा के पाठ से श्री हरि विष्णु प्रसन्न होकर अपना आशीष प्रदान करते हैं श्री हरि विष्णु के आशीर्वाद मिलने से सर्वत्र सुख शांति बनी रहती है इसलिए  विष्णु चालीसा का पाठ हर व्यक्ति को नियमित रूप से करना चाहिए इस बात को  मध्य-नजर रखते हुए हम आपके लिए लेकर आए विष्णु चालीस|

Vishnu Chalisa PDF In Hindi 

विष्णु चालीसा फ्री डाउनलोड इन हिंदी

Download And Read Vishnu Chalisa In Hindi
श्री विष्णु चालीसा
दोहा
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय।
चौपाई
नमो खरारी।
कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी।
त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत।
सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥
तन पर पीतांबर अति सोहत।
बैजन्ती माला मन मोहत॥
शंख चक्र कर गदा बिराजे।
देखत दैत्य असुर दल भाजे॥
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे।
काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥
संतभक्त सज्जन मनरंजन।
दनुज असुर दुष्टन दल गंजन॥
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन।
दोष मिटाय करत जन सज्जन॥
पाप काट भव सिंधु उतारण।
कष्ट नाशकर भक्त उबारण॥
करत अनेक रूप प्रभु धारण।
केवल आप भक्ति के कारण॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा।
तब तुम रूप राम का धारा॥
भार उतार असुर दल मारा।
रावण आदिक को संहारा॥
आप वराह रूप बनाया।
हरण्याक्ष को मार गिराया॥
धर मत्स्य तन सिंधु बनाया।
चौदह रतनन को निकलाया॥
अमिलख असुरन द्वंद मचाया।
रूप मोहनी आप दिखाया॥
देवन को अमृत पान कराया।
असुरन को छवि से बहलाया॥
कूर्म रूप धर सिंधु मझाया।
मंद्राचल गिरि तुरत उठाया॥
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया।
भस्मासुर को रूप दिखाया॥
वेदन को जब असुर डुबाया।
कर प्रबंध उन्हें ढूंढवाया॥
मोहित बनकर खलहि नचाया।
उसही कर से भस्म कराया॥
असुर जलंधर अति बलदाई।
शंकर से उन कीन्ह लडाई॥
हार पार शिव सकल बनाई।
कीन सती से छल खल जाई॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी।
बतलाई सब विपत कहानी॥
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी।
वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥
देखत तीन दनुज शैतानी।
वृन्दा आय तुम्हें लपटानी॥
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी।
हना असुर उर शिव शैतानी॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे।
हिरणाकुश आदिक खल मारे॥
गणिका और अजामिल तारे।
बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥
हरहु सकल संताप हमारे।
कृपा करहु हरि सिरजन हारे॥
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे।
दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥
चहत आपका सेवक दर्शन।
करहु दया अपनी मधुसूदन॥
जानूं नहीं योग्य जप पूजन।
होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥
शीलदया सन्तोष सुलक्षण।
विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण॥
करहुं आपका किस विधि पूजन।
कुमति विलोक होत दुख भीषण॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण।
कौन भांति मैं करहु समर्पण॥
सुर मुनि करत सदा सेवकाई।
हर्षित रहत परम गति पाई॥
दीन दुखिन पर सदा सहाई।
निज जन जान लेव अपनाई॥
पाप दोष संताप नशाओ।
भव-बंधन से मुक्त कराओ॥
सुख संपत्ति दे सुख उपजाओ।
निज चरनन का दास बनाओ॥
निगम सदा ये विनय सुनावै।
पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

FAQ For Vishnu Chalisa 

विष्णु चालीसा के पाठ करने के लाभ?(Benifits Of Reading Vishnu Chalisa)

भगवान विष्णु की चालीसा के पाठ करने  से श्री हरि आप पर प्रसन्न होकर आपको अपना आशीष प्रदान करते है| भगवान श्री विष्णु के आशीर्वाद से धन, बल, ज्ञान की प्राप्ति होती है, दांपत्य जीवन मैं खुशाली आती है, विवाह संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है, गुरु दोष खत्म होता है, मनवांछित फल प्राप्त होता है|

विष्णु चालीसा के पाठ करने की विधि?(Reading Guide For Vishnu Chalisa)

विष्णु चालीसा के पाठ करने के लिए आप एक साफ-सुथरे आसन पर विराजित होकर श्री हरि विष्णु के चरणों का ध्यान करें तथा अपने हाथ जोड़कर विष्णु भगवान से प्रार्थना करें और फिर चालीसा के पाठ करना आरंभ करें| ध्यान रहे जब भी आप बात करें आस-पास बिल्कुल शांति का वातावरण होना चाहिए पाठ करते समय आप किसी से बातचीत ना करें|

हम आशा करते हैं कि भगवान श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद आप सभी को प्राप्त हो तथा आप सभी के घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि बनी रहे| 

 

 

 

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