Thursday, November 21, 2024
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धनतेरस कब है? कुबेर को कर लें प्रसन्न इन मंत्रो से

धनतेरस कब और इस बार क्या ख़ास है 

इस बार आश्विन मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण के कारण दीपावली का पर्व 25 की जगह 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस की तिथि भी इसी मान से बदल गई है. आइए जानते हैं कब है धनतेरस का पर्व और कैसे करें कुबेरदेव को प्रसन्न।

धनतेरस क्या है

दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो रही है. इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर और यमदेव की पूजा की जाती है। 

धनतेरस कब और किस प्रकार से करनी है 

कब है धनतेरस 2022: 22वें शनिवार को द्वादशी तिथि सुबह 6.02 बजे तक रहेगी, जिसके बाद त्रयोदशी शुरू होगी. त्रयोदशी अगले दिन शाम 06.03 बजे तक रहेगी। ऐसे में कुछ लोग 22 की रात को धनतेरस मनाएंगे और कुछ लोग उदयतिथि के अनुसार 23 अक्टूबर 22 रविवार को इसे मनाएंगे. कई विद्वानों के अनुसार धनतेरस 23 अक्टूबर को है और नरक चतुर्दशी भी इसी दिन होगी।

धनतेरस कब है और धनतेरस की पूजा विधि नीचे लिखी गयी है

  • भगवान् शंकर ने रावण के सौतेले भाई कुबेर को ‘धनपाल’ होने का वरदान दिया था। इसलिए कुबेर को सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है।
  • देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव की पूजा करने से धन संबंधी सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
  • धनतेरस से पहले उत्तर दिशा को साफ सुथरा रखें। घर की उत्तर दिशा में भगवान कुबेर का वास होता है। कहा जाता है कि अगर
  • इस दिशा को वास्तु के अनुसार रखा जाए तो व्यक्ति अपार धन और संपत्ति का मालिक बन सकता है।
  • इसलिए उत्तर दिशा में हरे तोते का चित्र लगाने से वहां के दोष समाप्त हो जाते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होने लगती है।
  • धन के देवता कुबेर के मंत्र धनतेरस से पहले कब पूजा करे 
  • जानिए कुबेरदेव के कौन से विशेष मंत्र हैं, जिससे वे प्रसन्न होते हैं। दक्षिण की ओर मुख करके कुबेर मंत्र सिद्ध होता है।
  • अत्यंत दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।
  • विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्र्स्य विश्वामित्र ऋषि: वृहति श्लोक: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समभिष्टसिद्धार्थे जप विनियोग:
  • हवन- तिल का दशांश हवन करने से प्रयोग सफल होता है। इस प्रयोग को शिव मंदिर में करना सबसे अच्छा है। यदि यह प्रयोग बिल्वपत्र के पेड़ की जड़ों के पास बैठकर किया जा सकता है, तो बेहतर होगा। प्रयोग सूर्योदय से पहले करें।
  • मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरूडरत्नानिभं निधिनाकम्।
    शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम्।।
    अष्टाक्षर मंत्र- ॐ वैश्रवणाय स्वाहा: पंच त्रिंशदक्षर मंत्र- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि मे दापय दापय स्वाहा।
  • यदि इनमें से किसी एक मंत्र का जाप दस हजार हो तो दशांश हवन करें या एक हजार और मंत्रों का जाप करें। इससे यंत्र भी सिद्ध होता है। वैसे तो डेढ़ लाख जप और दशांश हवन करने से, कुबेर यंत्र को सिद्ध करने से अनंत वैभव की प्राप्ति होती है। यह काम धनतेरस से पहले शुरू करना होगा।

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