Thursday, November 21, 2024
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“13 Types of Tulsi and 7 Miracles of Using Tulsi”

13 Types of Tulsi and 7 Miracles: घर में पाई जाने वाली तुलसी के 13 अलग-अलग प्रकार और 7 अंदरूनी चमत्कार :-

हमारे हिन्दू धर्म में प्रचलित तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और शुभ पौधा माना जाता है | हम सभी को तो ये तो पता ही है कि इसके कई औषधीय गुणों के कारण यह सर्वोत्तम है | तुलसी को बहुत ही आसानी से घर में उगाया जा सकता है, लेकिन इसकी देखरेख अच्‍छे से करना होती है तभी यह पौधा हराभरा रह पाता है। आओ जानते हैं कि तुलसी के पौधे के 7 प्रकार और इसके 7 चमत्कारिक लाभ के बारे में |

प्रमुख हैं 2 प्रकार :
1. होली बेसिल या ओसिमम सैंक्टम (holy basil or ocimum sanctum)
2. मेडिटेरेनियन बेसिल या ओसिमम बेसिलिकम (mediterranean basil or ocimum basilicum)।

और कितने प्रकार हैं होली बेसिल(Holy Basil) तुलसी में :- घरों में उगाई जाने वाली इस चमत्कार से भरपूर तुलसी के 4 अलग-अलग अवतार हैं |
1. रामा तुलसी (ओसिमम सैंक्टम) | Rama tulsi or ocimum sanctum
2. श्यामा या कृष्‍णा तुलसी (ओसीमम टेन्यूफ्लोरम) | Krishna tulsi or ocimum tenuiflorum
3. श्‍वेत/विष्णु/ अमृता तुलसी (ओसीमम टेन्यूफ्लोरम) | Amrita tulsi or ocimum tenuiflorum
4. वना तुलसी (ओसीमम ग्रैटिसम) | Vana tulsi or ocimum gratissum

कितने प्रकारों में विभक्त होती है मेडिटेरेनियन बेसिल या ओसिमम बेसिलिकम(mediterranean basil or ocimum basilicum) तुलसी :- इस प्रकार की तुलसी “Tulsi” के गुणों को ध्यान में रखते हुए इसे अनुमानित 9 भिन्न-भिन्न प्रकार में विभक्त किया गया है :-
1. स्वीट बेसिल या ओसिमम बेसिलिकम | Sweet basil or ocimum basilicum
2. थाई बेसिल या ओसीमम थायरसिफ्लोरा | Thai basil or ocimum thyrsiflora
3. बैंगनी तुलसी या ओसिमम बेसिलिकम | Purple basil or ocimum basilicum
4. लेमन बेसिल या ओसिमम सिट्रियोडोरा | Lemon basil or ocimum citriodorum
5. अमेरिकन बेसिल या ओसीमम अमेरिकन | American basil or ocimum americanum
6. लेट्यूस लीफ बेसिल | Lettuce leaf basil
7. कार्डिनल बेसिल | Cardinal basil
8. ग्रीक बेसिल | Greek basil
9. समर लॉन्ग बेसिल | Summer long basil

"13 Types of Tulsi and 7 Miracles of Using Tulsi"

इस कोमल और मामूली दिखने वाली तुलसी के 7 अद्भुत चमत्कार :-
1. भगवान विष्णु को सबसे प्रिय है तुलसी का पत्ता। भगवान को जब भोग लगाते हैं या उन्हें जल अर्पित करते हैं तो उसमें तुलसी का एक पत्ता रखना जरूरी होता है। तुलसी का पत्ता लगा भोग भगवान तुरंत ग्रहण करते हैं।

2. तुलसी “Tulsi” का पत्ता खाते रहने से किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होता। प्रतिदिन 4 पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त, कैंसर आदि दोष दूर होने लगते हैं।

3. तांबे के लोटे में एक तुलसी का पत्ता डालकर ही रखना चाहिए। तांबा और तुलसी दोनों ही पानी को शुद्ध करने की क्षमता रखते हैं। दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियां डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है।

4. तुलसी “Tulsi” के समीप आसन लगाकर यदि कुछ समय प्रतिदिन बैठा जाए तो श्वास व अस्थमा जैसे रोग आदि से छुटकारा मिल जाता है। प्रतिदिन तुलसी का पानी पीने से तनाव दूर होता है और मन शांत होता है।

5. वास्तु दोष को दूर करने के लिए तुलसी के पौधे को अग्नि कोण से लेकर वायव्य कोण तक के खाली स्थान में लगा सकते हैं। यदि खाली जमीन न हो तो गमलों में भी तुलसी लगा सकते हैं।

6. ऐसा कहते हैं कि यदि आपके घर में कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले तुलसी को इसका ज्ञान होगा और वह सूख जाएगी। आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें, धीरे-धीरे वह पौधा सूखने लगता है।

7. तुलसी “Tulsi” का नित्य सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। प्रतिदिन खाली पेट तुलसी के पत्तों को खाने से इम्युनिटी भी बढ़ती है। एक जग पानी में 6-7 बूंद तुलसी का अर्क डालकर पीने से भी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। तुलसी की पत्तियां या रस पीने से सर्दी-खांसी की समस्या दूर होती है, जो लोग एलर्जी की सर्दी-खांसी से परेशान है उन्हें इस बीमारी से समाधान के लिए इसका सेवन करना चाहिए।

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