Ghost Stories In Hindi
आपने भूत की कहानी तो अपने जीवन में कभी न कभी सुनी होगी और आपको भूत की हवेली की कहानियां भी सुनी होगी ऐसी ही आज भूत की कहानी हम आपके लिए लाये है आइये कहानी की और भड़ते है
Ghost Stories In Hindi
यह कहानी राजस्थान के कोटा शहर की एक भूतिया हवेली की है।इस हवेली का निर्माण राजा महाराजा के समय में हुआ था। लेकिन पिछले अठारह साल से आज तक इस हवेली में कोई रहने नहीं आया।इस हवेली में चाहकर भी कोई नहीं रह पाता था, क्योंकि लोग कहते थे कि यह हवेली भूतों का अड्डा है।जब अजीत सिंह को इस हवेली के बारे में पता चला तो उन्होंने फैसला किया कि वह यह राज जानते रहेंगे कि लोग इस हवेली में क्यों नहीं रह पा रहे हैं।उन्होंने दृढ़ इच्छा शक्ति से हवेली में रहने की पूरी तैयारी कर ली।जब वह हवेली के अंदर जाने के लिए आगे बढ़ा तो किसी अनजान व्यक्ति ने उसे दरवाजे पर रोक लिया।
और पास जाकर कहो, “तुम कौन हो, और कहाँ जा रहे हो?”उन्होंने अजीत सिंह का जवाब देने की बजाय सामने सवाल किया। “क्या मैं जान सकता हूँ आप कौन हैं?”मेरा नाम अर्जुन सिंह है और मैं पास में ही रहता हूँ।अजीत सिंह ने कहा, “ओह ठीक है, मैंने सुना है कि यह एक प्रेतवाधित हवेली है। और यहां कोई नहीं आ सकता।”इसलिए मैंने इस हवेली में एक दिन रुकने का फैसला किया है।अर्जुन सिंह ने कहा, “हां… आपने सही सुना।”और तुम भी अंदर मत जाओ, अगर तुम मुझ पर विश्वास करते हो, तो तुम भी वापस जाओ।
यहां बहुत खतरा है।यह सुनकर अजीत सिंह खुश हो गया। जैसे उन्हें कोई लॉटरी मिली हो।उसकी खुशी देखकर अर्जुन ने कहा, “तुम खुश क्यों हो रहे हो, भूत का नाम सुनकर डरना चाहिए।”शायद आपको पता नहीं होगा कि मुझे भूतों में बहुत दिलचस्पी है।अगर इस हवेली में कोई भूत है तो मैं जरूर अंदर जाकर सारी सच्चाई का पता लगाऊंगा।इतना कहकर अजीत सिंह उस हवेली में चला गया।अंदर जाकर अजीत ने अपना बैग किनारे रख दिया और हवेली के चारों ओर देखने लगा। सभी कमरों का भी मुआयना किया।बाद में वह ड्राइंग रूम में आया और सोफे पर बैठ गया।
वहां बैठकर उसने दो-चार पेग शराब भी पी ली।उसी समय अचानक उस कमरे में एक लाइट बल्ब चालू हो गया। लेकिन अजीत ने उस पर ध्यान नहीं दियाकुछ देर बाद दूसरा बल्ब चालू हुआ, तभी हवेली की सारी बत्तियां झपकने लगीं।यह सब देखकर अजीत अपनी जगह पर खड़ा हो गया और पूरी तरह होश में आ गया।अचानक उसके सामने एक छोटी सी मेज हवा में उड़ने लगी। हवा में करीब 6 फीट ऊपर जाकर वह इधर-उधर घूमने लगा।और बाद में अजीत तेजी से आने लगा।अजीत ने तुरंत अपना स्थान बदला और दूसरी ओर चला गया और मेज वहीं गिर पड़ी जहां अजीत खड़ा था।अजीत को जैसे ही कुछ समझ में आया तो सोफे की चादर उसकी तरफ आने लगी। वह झट से खड़ा हो गया
और कूद कर दूसरी तरफ कूद गया। जिससे सोफा दीवार से जा टकराया और अजीत बाल-बाल बच गया।अचानक सब कुछ शांत हो गया।अजीत ने ध्यान से चारों ओर देखा और ऊँची आवाज़ में कहा, “तुम जो भी हो, आगे आओ और बात करो।”उसके सामने एक बड़ी परछाई दिखाई दी।अजीत ने उस परछाई को देखते हुए कहा, “तुम कौन हो? और तुम मुझे क्यों मारना चाहते हो?”छाया: आपकी गलती के कारणअजीत: मेरी गलती? मैंने क्या गलती की?छाया: इस हवेली में आने की गलती। मैं इस हवेली में किसी को खुश नहीं देख सकता।अजीत: लेकिन क्यों?उसने खामोशी से जवाब दिया, आज से अठारह साल पहले इस हवेली के मालिक ने मुझे इस पर मार डाला था। मेरा कोई दोष भी नहीं था।
इस वजह से मेरी आत्मा इस हवेली में भटकती रहती है। मैं इस हवेली में किसी को नहीं रहने दूंगा क्योंकि मेरा खून इसी हवेली में हुआ था।जो कोई भी इस हवेली में रहने के लिए आएगा वह मर जाएगा।अजित ने कहा, “मैं तुम्हें तुम्हारे असली रूप में देखना चाहता हूं।”इससे पहले कि मैं तुम्हें मार दूं, मैं तुम्हारी यह इच्छा पूरी कर दूंगा।और उस गिरावट ने एक भयानक मध्यवर्ती रूप ले लिया। उसका चेहरा इतना भयानक था कि अजीत भी एक पल के लिए डर गया, लेकिन एक सेकंड के भीतर उसने खुद को नियंत्रित कर लिया।
बाद में उसने अपनी जेब से सफेद पाउडर निकाला और भूत पर फेंक दिया।जैसे ही पाउडर भूत पर गिरा, वह जलने लगा। एक बड़ी ज्वाला उठने लगी।वह बहुत जोर से चिल्लाने लगा और बाद में पूरी तरह से जल गया।उसके बाद अजीत ने चैन की सांस ली और वहीं सो गया।
अगले दिन अजीत को हवेली से सुरक्षित बाहर निकलते देख अर्जुन हैरान रह गया।अर्जुन ने अजीत से पूछा, “तुम जीवित कैसे हो?” जब अजित ने अर्जुन को बीती रात हुई घटना के बारे में बताया और कहा कि अब यह हवेली भूतिया हवेली नहीं रही।दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी (कोटा, राजस्थान की भूतिया हवेली) हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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